panchang today
panchang today “हिन्दू पंचांग भारत की प्राचीन समय गणना पद्धति है, जिसमें तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण का विस्तृत विवरण मिलता है। इसे ‘इंडियन कैलेंडर’ भी कहा जाता है। हिन्दू पंचांग केवल दिन और तिथियों का ही नहीं बल्कि शुभ-मुहूर्त, त्यौहार, व्रत, ग्रह-नक्षत्र की स्थिति और धार्मिक आयोजनों की जानकारी भी देता है। विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, यात्रा या अन्य शुभ कार्यों की तिथि तय करने में पंचांग का खास महत्व होता है। पंचांग पंचांग 5 अंगों – तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण पर आधारित है। आज के समय में डिजिटल और ऑनलाइन पंचांग भी उपलब्ध है, जिससे लोग आसानी से किसी भी दिन का शुभ समय और त्यौहार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। हिन्दू धर्म में पंचांग का अध्ययन सिर्फ परंपरा ही नहीं बल्कि ज्योतिष और धार्मिक दृष्टिकोण से भी बेहद उपयोगी है।”
*🌞~ panchang today आज दिनांक – 15 सितम्बर 2025 का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिन – सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2082*
*⛅अयन – दक्षिणायण*
*⛅ऋतु – शरद*
*⛅मास – आश्विन*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – नवमी रात्रि 01:31 सितम्बर 16 तक तत्पश्चात् दशमी*
*⛅नक्षत्र – मृगशिरा सुबह 07:31 तक तत्पश्चात् आद्रा*
*⛅योग – व्यतीपात रात्रि 02:34 सितम्बर 16 तक तत्पश्चात् वरीयान्*
*⛅राहुकाल – सुबह 07:45 से सुबह 09:18 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅सूर्योदय – 06:13*
*⛅सूर्यास्त – 06:30 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 04:40 से प्रातः 05:27 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 11:57 से दोपहर 12:46 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 11:59 से रात्रि 12:45 सितम्बर 16 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅️व्रत पर्व विवरण – नवमी का श्राद्ध, व्यतीपात योग (प्रातः 04:56 से रात्रि 02:34 सितम्बर 16 तक), सर्वार्थ सिद्धियोग, अमृत सिद्धियोग (प्रातः 06:13 से प्रातः 07:31 तक)*
*⛅️विशेष – नवमी को लौकी खाना गौमांस के समान त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🔹panchang today घर में समृद्धि के लिए🔹*
*🔸घर में समृद्धि लाना चाहते हो तो जिस घर के पुरुष काम पर जाते हों तो घर की महिलाएँ, जब पुरुष काम पर जायें तब गीता के 11 वें अध्याय का 40 वां श्लोक 108 बार पढ़ें और भगवान से प्रार्थना करें कि मैंने ये जो पाठ किया है इसका पुण्य हमारे घर के अमुक-अमुक पुरुष को ( उनका नाम लेकर) दीजिये उन्हें कार्य खूब सफलता मिल ऐसी प्रार्थना करके अर्घ्य दें इससे घर के काम करने वाले व्यक्ति को बहुत सफलता मिलेगी यह कई लोगों का अनुभव है इस श्लोक की इतनी महिमा है और इतना सरल भी है ।*
*🔹रसोई घर ही औषधालय🔹*
*🔸संयम तथा उचित खान-पान के अभाव में बीमारियाँ दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है । थोड़ी भी तकलीफ होने पर हम महँगी, नुकसानदायक एलोपैथिक दवाईयों की शरण लेते हैं जिससे कुछ देर तक तो स्वास्थ्य ठीक रहता है परन्तु इनके लगातार उपयोग से शरीर खोखला होने लगता है और धीरे-धीरे बीमारियों का घर बन जाता है, अतः इनसे बचें । हमारे ऋषि-मुनियों नें मसाले एवं अन्य खाद्य पदार्थों को ही औषधियों के रुप में प्रयोग करने की सुन्दर रीति समाज को प्रदान की है जिसका अनुसरण कर हम कम खर्च में ही दीर्घकाल तक स्वस्थ रह सकते हैं ।*