panchang today
panchang today “हिन्दू पंचांग भारत की प्राचीन समय गणना पद्धति है, जिसमें तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण का विस्तृत विवरण मिलता है। इसे ‘इंडियन कैलेंडर’ भी कहा जाता है। हिन्दू पंचांग केवल दिन और तिथियों का ही नहीं बल्कि शुभ-मुहूर्त, त्यौहार, व्रत, ग्रह-नक्षत्र की स्थिति और धार्मिक आयोजनों की जानकारी भी देता है। विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, यात्रा या अन्य शुभ कार्यों की तिथि तय करने में पंचांग का खास महत्व होता है। पंचांग पंचांग 5 अंगों – तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण पर आधारित है। आज के समय में डिजिटल और ऑनलाइन पंचांग भी उपलब्ध है, जिससे लोग आसानी से किसी भी दिन का शुभ समय और त्यौहार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। हिन्दू धर्म में पंचांग का अध्ययन सिर्फ परंपरा ही नहीं बल्कि ज्योतिष और धार्मिक दृष्टिकोण से भी बेहद उपयोगी है।
panchang today हिन्दू पंचांग 🚩, [21-09-2025 08:24]
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 21 सितम्बर 2025*
*⛅दिन – रविवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2082*
*⛅अयन – दक्षिणायण*
*⛅ऋतु – शरद*
*⛅मास – आश्विन*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – अमावस्या रात्रि 01:23 सितम्बर 22 तक तत्पश्चात् प्रतिपदा*
*⛅नक्षत्र – पूर्वाफाल्गुनी सुबह 09:32 तक तत्पश्चात् उत्तराफाल्गुनी*
*⛅योग – शुभ शाम 07:53 तक तत्पश्चात् शुक्ल*
*⛅राहुकाल – शाम 04:53 से शाम 06:24 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅सूर्योदय – 06:15*
*⛅सूर्यास्त – 06:24 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 04:41 से प्रातः 05:28 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11:55 से दोपहर 12:44 (उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 11:56 से रात्रि 12:44 सितम्बर 22 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅️व्रत पर्व विवरण – सर्वपितृ-दर्श अमावस्या का श्राद्ध, आश्विन अमावस्या, सर्वार्थ सिद्धियोग (सुबह 09:32 से सुबह 06:16 सितंबर 22 तक)*
*🌥️विशेष – अमावस्या के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🔹सर्वपित्री अमावस्या : panchang today 21 सितम्बर 2025🔹*
*🔸जो जाने-अनजाने रह गये हों, जिनके मरण की तिथि का पता न हो उन सभीका श्राद्ध सर्वपित्री अमावस्या को होता है ।*
*🔸अमावस्या के दिन पितृगण वायुरूप में घर के दरवाजे पर उपस्थित रहते हैं और अपने स्वजनों से श्राद्ध की अभिलाषा करते हैं । जब तक सूर्यास्त नहीं हो जाता, तब तक वे भूख-प्यास से व्याकुल होकर वहीं खड़े रहते हैं । सूर्यास्त हो जाने के पश्चात वे निराश होकर दुःखित मन से अपने-अपने लोकों को चले जाते हैं । अतः अमावस्या के दिन प्रयत्नपूर्वक श्राद्ध अवश्य करना चाहिए । – गरुड़ पुराण*
*🔹panchang today श्राद्ध क्यों करें ?🔹*
*🔸गरुड़ पुराण (१०.५७-५९) में आता है कि ‘समयानुसार श्राद्ध करने से कुल में कोई दुःखी नहीं रहता । पितरों की पूजा करके मनुष्य आयु, पुत्र, यश, स्वर्ग, कीर्ति, पुष्टि, बल, श्री, पशुधन, सुख, धन और धान्य प्राप्त करता है ।’*
*’हारीत स्मृति’ में लिखा है :*
*न तत्र वीरा जायन्ते नारोग्यं न शतायुषः ।*
*न च श्रेयोऽधिगच्छन्ति यत्र श्राद्धं विवर्जितम् ॥*
*🔸’जिनके घर में श्राद्ध नहीं होता उनके कुल खानदान में वीर पुत्र उत्पन्न नहीं होते, कोई निरोग नहीं रहता । लम्बी आयु नहीं होती और किसी तरह कल्याण नहीं प्राप्त होता (किसी-न-किसी तरह की झंझट और खटपट बनी रहती है) ।’*
*🔹महर्षि सुमंतु ने कहा : “ श्राद्ध जैसा कल्याण मार्ग गृहस्थी के लिए और क्या हो सकता है ! अतः बुद्धिमान मनुष्य को प्रयत्नपूर्वक श्राद्ध करना चाहिए ।”*
*🔹श्राद्ध पितृलोक में कैसे पहुँचता है ?🔹*
*🔸श्राद्ध के दिनों में मंत्र पढ़कर हाथ में तिल, अक्षत, जल लेकर संकल्प करते हैं तो मंत्र के प्रभाव से पितरों को तृप्ति होती है, उनका अंतःकरण प्रसन्न होता है और कुल खानदान में पवित्र आत्माएँ आती हैं ।*
*🔹’यहाँ हमने अपने पिता का, पिता के पिता का और उनके कुल गोत्र का नाम लेकर ब्राह्मण को खीर खिलायी, विधिवत् भोजन कराया और वह ब्राह्मण भी दुराचारी, व्यसनी नहीं, सदाचारी है । बाबाजी ! हम श्राद्ध तो यहाँ करें तो पितृलोक में वह कैसे पहुँचेगा ?’*
*🔸जैसे मनी ऑर्डर करते हैं और सही पता लिखा होता है तो मनी ऑर्डर पहुँचता है, ऐसे ही जिसका श्राद्ध करते हो उसका और उसके कुल गोत्र का नाम लेकर तर्पण करते हो कि ‘आज हम इनके निमित्त श्राद्ध करते हैं’ तो उन तक पहुँचता है । देवताओं व पितरों के पास यह शक्ति होती है कि दूर होते हुए भी हमारे भाव और संकल्प स्वीकार करके वे तृप्त हो जाते हैं । मंत्र और सूर्य की किरणों के द्वारा तथा ईश्वर की नियति के अनुसार वह आंशिक सूक्ष्म भाग उनको पहुँचता है ।*
*🔹 यहाँ खिलायें और वहाँ कैसे मिलता है ?🔹*
*🔸भारत में रुपये जमा करा दें तो अमेरिका में डॉलर और इंग्लैंड में पाउंड होकर मिलते हैं । जब यह मानवीय सरकार, वेतन लेनेवाले ये कर्मचारी तुम्हारी मुद्रा (करंसी) बदल सकते हैं तो ईश्वर की प्रसन्नता के लिए जो प्रकृति काम करती है, वह ऐसी व्यवस्था कर दे तो इसमें ईश्वर व प्रकृति के लिए क्या बड़ी बात है ! आपको इस बात में संदेह नहीं करना चाहिए ।*
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*📖 ऋषि प्रसाद,panchang today सितम्बर 2015*
*🔹नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए🔹*
*🔸घर में हर अमावस्या अथवा हर १५ दिन में पानी में खड़ा नमक (१ लीटर पानी में ५० ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इससे नेगेटिव एनर्जी चली जाएगी । अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं ।*
*-पूज्य बापूजी – रजोकरी, ३० नवम्बर २०१०*
*🔹panchang today अमावस्या विशेष🔹*
*🔸1. जो व्यक्ति अमावस्या को दूसरे का अन्न खाता है उसका महीने भर का किया हुआ पुण्य दूसरे को (अन्नदाता को) मिल जाता है ।*
*(स्कंद पुराण, प्रभास खं. 207.11.13)*
panchang today हिन्दू पंचांग 🚩, [21-09-2025 08:24]
*🔸2. अमावस्या के दिन पेड़-पौधों से फूल-पत्ते, तिनके आदि नहीं तोड़ने चाहिए, इससे ब्रह्महत्या का पाप लगता है ! (विष्णु पुराण)*
*🔸4. अमावस्या के दिन श्रीमद्भगवद्गीता का सातवाँ अध्याय पढ़ें और उस पाठ का पुण्य अपने पितरों को अर्पण करें । सूर्य को अर्घ्य दें और प्रार्थना करें । आज जो मैंने पाठ किया मेरे घर में जो गुजर गए हैं, उनको उसका पुण्य मिल जाए । इससे उनका आर्शीवाद हमें मिलेगा और घर में सुख-सम्पत्ति बढ़ेगी ।