🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞
⛅दिनांक – 12 नवम्बर 2022
⛅दिन – शनिवार
⛅विक्रम संवत् – 2079
⛅शक संवत् – 1944
⛅अयन – दक्षिणायन
⛅ऋतु – हेमंत
⛅मास – मार्गशीर्ष ( गुजरात एवं महाराष्ट्र में कार्तिक मास )
⛅पक्ष – कृष्ण
⛅तिथि – चतुर्थी रात्रि 10:25 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅नक्षत्र – मृगशिरा सुबह 07:33 तक तत्पश्चात आर्द्रा
⛅योग – सिद्ध रात्रि 10:04 तक तत्पश्चात साध्य
⛅राहु काल – सुबह 09:37 से 11:00 तक
⛅सूर्योदय – 06:51
⛅सूर्यास्त – 05:56
⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:08 से 05:59 तक
⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 11:58 से 12:50 तक
⛅व्रत पर्व विवरण – संकष्ट चतुर्थी, मदनमोहन मालवीय पुण्यतिथि
⛅विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
संकष्ट चतुर्थी -12 नवम्बर 2022
इस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों ।
👉🏻 छः मंत्र इस प्रकार हैं –
- 1. ॐ सुमुखाय नम:
- 2. ॐ दुर्मुखाय नम:
- 3. ॐ मोदाय नम:
- 4. ॐ प्रमोदाय नम:
- 5. ॐ अविघ्नाय नम:
- 6. ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:
🔹नेत्रज्योति बढ़ाने व चश्मा छुड़ानेनेवाले औषधीय प्रयोग :
🔹नेत्रज्योतिवर्धक, दृष्टिप्रद त्रिफला रसायन का विधिवत् प्रयोग करें ।
🔹१-१ बूँद संतकृपा नेत्रबिंदु आँखों में डालें ।
🔹 सर्दियों में सुबह खाली पेट आधा से १ चम्मच मामरा बादाम के मिश्रण का सेवन करें, बाद में २ घंटे तक कुछ न खायें ।
🔹२-३ माह तक प्रातः खाली पेट गाय के दूध से बने आधा चम्मच ताजा मक्खन, आधा चम्मच पिसी हुई मिश्री व १ काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर चाटें ।
इसके बाद कच्चे नारियल की गिरी के २-३ टुकड़े खूब चबा-चबाकर खायें, ऊपर से थोड़ी सौंफ चबा के खा लें । बाद में दो घंटे तक कुछ न खायें । यह आँखों की ज्योति बढ़ाने के साथ ही शरीर को पुष्ट और सुडौल बनानेवाला एक अनुभूत उत्तम प्रयोग है ।
🔹आँखों के लिए हितकर योगासन व दैवी चिकित्सा
🔹शीर्षासन, सर्वांगासन, जलनेति (जलनेति और आसनों की विधि हेतु देखें आश्रम से प्रकाशित पुस्तक ‘योगासन’), सूर्यनमस्कार, त्राटक तथा चाक्षुषोपनिषद् (देखें आरोग्यनिधि भाग-१, पृ. ३०) का पाठ करें ।
🌹 शनिवार के दिन विशेष प्रयोग 🌹
🌹 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)
🌹 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)
🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹
🔹एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।
📖 ऋषि प्रसाद – मई 2018 से